संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा राष्ट्रव्यापी काला दिवस 26 मई को सफल बनाने के लिए पश्चिम चंपारण जिले के विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने बेतिया में सड़क पर उतर कर किसानों के आंदोलन को समर्थन करते हुए कहा कि आज कोरोना से देश के लोग मर रहे हैं, किसान विरोधी नीतियों के कारण दिल्ली बॉर्डर पर धरना दे रहे 4 सौ किसान शहीद हो चुके हैं, कर्ज से दबे हुए हजारों किसान आत्म हत्या कर रहे हैं और देश के प्रधानमंत्री और गृहमंत्री पीछले तीन दिनों से 2022 के यू पी चुनाव के मंथन में मशगूल हैं, मरते हुए लोगों की उन्हें कोई परवाह नहीं है।
इधर संयुक्त किसान मोर्चा किसान विरोधी तीनों काले कानूनों की वापसी, एमएसपी को कानूनी दर्जा देने, कोरोना काल में सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर ऑक्सीजन, वेक्सिन और कोरोना से बचाव के लिए तमाम दवाओं को उपलब्ध कराने, प्रत्येक गरीब परिवार को साढ़े सात हजार रुपए की विशेष सहायता देने, 10 किलो प्रति व्यक्ति अनाज देने , सभी गरीबों को मनरेगा के माध्यम से ₹600 की मजदूरी पर काम देने आदि के सवाल पर काला दिवस मना रही है ।
विभिन्न राजनीतिक दलों के कार्यकत्ताओं ने सड़क पर उतर कर मोदी सरकार के सत्तालोलुप और जन विरोधी कारवाई के विरुद्ध जमकर नारेबाजी की और किसानों की मांगों को अविलंब पूरा करने का सरकार से मांग किया, साथ ही पश्चिम चंपारण में काला दिवस मनाने में शामिल तमाम किसानों को बधाई दिया है ।
इस कार्यक्रम में भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) की पश्चिम चंपारण जिला के मंत्री प्रभुराज नारायण राव, राजद के बेतिया नगर अध्यक्ष अमजद साहब, युवा राजद नेता मुकेश याद भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के जिला नेता अंजारुल , कांग्रेस पार्टी के जिला नेता कलाम जौहरी तथा माकपा जिला सचिवमंडल सदस्य चांदसी प्रसाद यादव, प्रभुनाथ गुप्ताा, शंकर कुमार राव , म. हनीफ , नीरज बरनवाल , अवध बिहारी प्रसाद , प्रकाश वर्मा आदि जिला नेतृत्व के साथी शामिल थे ।
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