बेतिया | BETTIAH TIMES
बड़ी ख़बर बेतिया अनुमंडल क्षेत्र से है जहां जीएमसीएच बेतिया आज फिर एक मरीज़ की मौत हो गई, अस्पताल प्रबंधन की कारस्तानि में यहां लगातार मरीजों की मौत को लेकर व्यवस्था पर सवाल खड़े हो रहे हैं। दरअसल जीएमसीएच बेतिया में उपाधीक्षक और अन्य वरीय चिकित्सक अपनी ड्यूटी निभाने में कोताही बरतने के साथ फ्रेशर चिकित्सकों के हवाले इलाज़ का जिम्मा सौंप दिए अपनी जिम्मेवारी से हाथ खड़े कर रहे हैं यहीं वजह है कि यहां आने वाले मरीजों के सब्र का बांध अब टूटने लगा है और धरती के भगवान कहे जाने वाले चिकित्सक सवालों के घेरे में हैं।
बताया जा रहा है कि ज़िला के मझौलिया थाना क्षेत्र के विश्वंभरपुर निवासी शिवानी नामक शुगर की मरीज़ रविवार को शाम यहां भर्ती कराई गई जिसकी हालत उस वक्त ठीक थी लेकिन सरकारी अस्पताल में भर्ती होने के 12 घंटे बाद भी किसी चिकित्सक ने इसकी सुधि नहीं ली और अब इलाज़ में लापरवाही के कारण मौत का परिजन आरोप लगा रहे हैं। मृतका शिवानी जिसकी उम्र लगभग 15 वर्ष हैं जो मधुमेह पीड़ित मरीज़ थी, जिसे कल शाम से ही भर्ती थी लेकिन मरीज़ का अस्पताल प्रबंधन ने समय पर इलाज़ नहीं किया।आरोप है कि कोई चिकित्सक उसे देखने भी नहीं आए और आज सुबह गलत इंजेक्शन लगाने के चलते मौत होने का परिजन आरोप लगा रहे हैं।
परिजन जीएमसीएच बेतिया के उपाधीक्षक को मौक़े पर बुलाने की मांग कर रहें हैं। अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही बरतने का यह कोई नया मामला नहीं है दो दिन पहले भी एक मरीज़ की मौत के बाद अस्पताल में लोगों ने जमकर बवाल खड़ा किया था और तोड़फोड़ तक कर दिया गया बावजूद इसके यहां की लचर व्यवस्था में न तो कोई सुधार है और ना ही चिकित्सक जवाबदेह हैं, सूबे के सरकारी अस्पतालो में दवा इलाज़ के बेहतर सुविधाओं का चाहें सरकार जितनी भी दावे क्यों न कर लें लेकिन जमीनी हकीकत आज भी कुछ और ही है यहीं वजह है कि अब लोगों का सरकारी अस्पतालों से विश्वास उठ रहा है तभी तो धरती के भगवान सवालों के घेरे में हैं...! जिसका जवाब और सिस्टम में सुधार करना बेहद जरूरी है ताकि आम लोगों को समुचित दवा इलाज़ के साथ संतुष्ट किया जा सके ।
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