गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज अस्पताल बेतिया है बदहाल : सिर्फ पांच वेंटिलेटर कार्यरत सांसद डॉक्टर संजय जयसवाल के सवाल पर खुला पोल

 Anchor- Bettiah Times

खबर बेतिया से है जंहा कोरोना से जंग में स्वस्थ्य विभाग की लापरवाही सामने आई है। जहाँ कोरोना के गम्भीर मरीजो को जीवनदान देने के लिए 62 वेंटिलेटर उपलब्ध तो है लेकिन इसमें से 50 से आदिम वेंटिलेटर काम नहीं कर रहा है, और आइसोलेशन वार्ड में पड़ा हुआ है सबसे हैरत की बात तो यह है कि वेंटिलेटर चलाने के लिए भी कोई टेक्नीशियन नहीं है। गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज अस्पताल 5 वेंटिलेटर चलने का दावा तो कर रही है लेकिन वार्ड में एक भी वेंटिलेटर चलता हुआ नहीं दिख रहा है। पिछले साल दिसंबर में एक बार 17 और दूसरी बार 25 वेंटिलेटर मेडिकल कॉलेज को भेजा गया लेकिन तब से वेंटिलेटर ऐसे ही रखा हुआ हैं। हद तो यह है कि अभी तक वेंटिलेटर को इंस्टॉल तक नहीं किया जा सका है जबकि कोरोना से पिछले दस दिन में 12 मरीजो की मौत हो चुकी है। 

अस्पताल अधीक्षक इंजीनियर के आने और वेंटिलेटर ठीक होने का दावा तो कर रहे है लेकिन यह प्रक्रिया कब तक पूरी होगी इसका जवाब उनके पास नहीं है। कल जब बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल ने एनेस्थीसिया विभाग के एचओडी डॉ नरेंद्र कुमार से इस बाबत पूछा तो उन्होंने विभाग की पोल खोलते हुए कहा कि एक भी वेंटिलेटर सही तरीके से काम नहीं कर रहा है।


ऐसे में सबसे अहम सवाल यह है कि जब दिसम्बर महीने में मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने वेंटिलेटर रिसीव किया तो ठीक हालत में था लेकिन 4 महीने के अंदर ही सभी वेंटिलेटर नन फंक्शनल कैसे हो गया। क्या वेंटिलेटर लेते समय इस बात पर ध्यान नहीं दिया गया या फिर इतने दिनों में अस्पताल प्रबंधन ने वेंटिलेटर को ठीक क्यों नहीं करवाया। ऐसे कई सवाल है जो जीएमसीएच की बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोलने के लिए काफी है। लिहाजा एक तरफ जहां लगातार कोरोना संक्रमण का आंकड़ा बढ़ रहा है तेज गति से लोगो की मौत हो रही तो दूसरी तरफ जीएमसीएच प्रबंधन कोरोना महामारी को लेकर लापरवाह बना हुआ है।



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